मुख्यमंत्री केजरीवाल की संपत्ति 5 साल में दोगुनी, अब 1.86 करोड़ के मालिक; केस भी 7 से बढ़कर 13 हुए

नई दिल्ली. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नामांकन प्रक्रिया के आखिरी दिन मंगलवार को नाटकीय घटनाक्रम के बीच पर्चा भरा। उनकी नई दिल्ली सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों की संख्या अधिक होने से मुख्यमंत्री को नामांकन दाखिल करने के लिए करीब 7 घंटे कतार में लगे रहना पड़ा। केजरीवाल की ओर से दायर चुनावी हलफनामे के मुताबिक, वे अब करोड़पतियों की सूची में शामिल हो गए हैं। बीते 5 साल में उनकी संपत्ति दोगुनी हुई। उनकी चल और अचल संपत्ति बढ़कर 1 करोड़ 86 लाख रुपए हो गई। जो 2015 में 94 लाख थी।


केजरीवाल ने शपथ पत्र में अपनी सालाना आय 2 लाख 81 हजार रुपए बताई है। उनकी चल संपत्ति 9 लाख 95 हजार रुपए है। इसमें से 12 हजार रुपए की राशि को छोड़कर बाकी रकम 5 अलग-अलग बैंक खाताें में जमा है। जबकि पत्नी सुनीता की पेंशन से होने वाली सालाना आय 9 लाख 94 हजार रुपए है। केजरीवाल की खुद की कार नहीं है। जबकि पत्नी के पास मारुति बलेनो कार और 380 ग्राम सोना है। उनके पास 1.4 करोड़ का गाजियाबाद में प्लॉट है।


केजरी के खिलाफ मुकदमे 7 से बढ़कर 13 हुए



































केजरीवाल की संपत्ति 2015   2020
सालाना आय    2,07,330    2,81,375
चल संपत्ति   2,26,005 9,95,741
अचल संपत्ति   92,00,000 1,77,00,000
वाहन  नहींनहीं
मुकदमे 713

(संपत्ति के आंकड़े रुपए में) 


नामांकन के दौरान नाटकीट घटनाक्रम


मुख्यमंत्री दोपहर 12.10 बजे अपने माता-पिता, पत्नी और बेटी के साथ जामनगर स्थित निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय पहुंचे। इसके पहले सुबह से ही नामांकन भरने आए निर्दलीय प्रत्याशियों की लंबी लाइन लग गई थी। नामांकन प्रक्रिया सुबह 11 बजे शुरू हो चुकी थी। केजरीवाल के साथ चार लोग ही अंदर जा सकते थे। इस कारण उनकी पत्नी और बेटी वापस हो गईं। वहीं, उनके साथ माता-पिता सीधे अंदर चले गए। यह देख कर निर्दलीय प्रत्याशियों ने हंगामा शुरू कर दिया। इनमें से एक आशा शुक्ला ने कहा कि उनका टोकन नंबर 45 है। वह सीधे अंदर चले गए। हम अपनी बारी का इंतजार ही करते रहे। साथ ही लोगों ने नारेबाजी कर पर्चे भी फेंके। पुलिस कर्मियों ने स्थिति को संभाला और अधिकारियों के नियमों के अनुसार आश्वासन देने के बाद हंगामा शांत हुआ।


एक प्रत्याशी को करीब 20 मिनट का समय लगने के चलते करीब 1 बजे केजरीवाल के माता-पिता भी को घर वापस भेज दिया गया। इसके बद केजरीवाल ने करीब 7 बजे अपना नामांकन भरा। इस बीच आप के वरिष्ठ नेताओं ने आरोप लगाया कि केजरीवाल को पर्चा भरने से रोकने की यह भाजपा की साजिश है। रात 11 बजे तक इस सीट से 82 नामांकन दाखिल किए गए।


उनका मकसद मुझे हराना, मेरा भ्रष्टाचार को हराना: केजरीवाल


उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया- बीजेपी वालों! चाहे जितनी साजिश कर लो! अरविंद केजरीवाल को न नामांकन भरने से रोक पाओगे और न ही तीसरी बार दिल्ली का मुख्यमंत्री बनने से... तुम्हारी साजिशें कामयाब नहीं होंगी। वहीं, गोपाल राय ने कहा कि बिना कागज के लोग जाकर लाइन में खड़े हुए है। इसमें मन में प्रश्न आ रहा है कि इसके पीछे कोई प्लांड गेम है। केजरीवाल ने ट्वीट किया- मेरे सब परिवार के सदस्य है। मैं उनके साथ इंतजार करके एंज्वाय कर रहा हूं। एक तरफ भाजपा, जदयू, कांग्रेस और अन्य दल हैं। दूसरी तरफ स्कूल, अस्पताल, पानी, बिजली, फ्री, महिला यात्रा, दिल्ली की जनता है। मेरा मकसद भ्रष्टाचार हराना और दिल्ली को आगे ले जाना है। उनका सबका मकसद मुझे हराना है। चुनाव आयोग ने सफाई दी कि केजरीवाल को नामंकन भरने देने में जानबूझकर देर नहीं की गई।